Wednesday, December 19, 2012

कहां सुरक्षित है महिलाएं......?

कहां सुरक्षित है महिलाएं...............................?

दिल्ली में चलती बस में युवती के साथ हुए घिनौने दुष्कर्म की घटना ने सभी को  डरा दिया है । इस तरह की दिल दहलाने वाले घटनाओ ने  महिलाओ की सुरक्षा पर प्रश्न चिहन लगा दिये है । आज न तो वह घर में ही पूरी तरह सुरक्षित है न ही बाहर । समाज जो आधुनिकता का दावा करता है फिर इस तरह की बर्बरता ? इंसानी दरिंदगी का यह कौन सा रूप है जो आदमी का जानवर से भी अधिक घृणात्मक बनाता है।  कहां पैदा होते है इस  तरह के इन्सान जिन्हे इंसान कहना इंसानियत की तौहीन होगी ।
डरे है वह माता-पिता जो अपनी लडकियों का घर बाहर जाने देते है उन्हे याद आते अपने पुर्वजों के वह शब्द लडकियों घरों से निकलने न दो सिर्फ चार दीवारों में कैद रखो...............
क्या घरों में भी महफूज होती है हमारी बच्चियां , हमारी बहने, माताएं शायद इसका जवाब पुरी तरह सकारात्मकता में नही मिलता ?
    
  दुष्कर्म की इन घटनाओ के पीछे हीन भावना से उपजी यौन कुंठा ,शराबखोरी ,पोनोग्राफी आदि का भी बहुत बडा हाथ होना है । अदालती कार्यवाही में देर होना कानुनों का खौफ न होना ,पीडिता को पुलिस के पास न जाने देना समाजिक अपमान के कारण कई  घरों में ही महिलाएं घुटती है व आत्महत्या को अन्जाम दे देती है ।

सिर्फ आक्रोश होने से ही इन घटनाओ का टलना बन्द नही होगा समाज में रहने वाले कितने ही विकृत मानसकिता के लोग है जो समान्य लोगों के साथ तो रहते है पर पहचाने नही जाते जब इस तरह की घटना घटती है  तो चेतना जगती है सवाल खडे हो उठते है व विकास के नाम जो तरक्की हई वह खोखली लगती है और अराजकतावादी युग की याद ताजा हो जाती है । 

Sunday, December 2, 2012

Ganga ke Kareeb: श्रद्वालुओ की सिद्वियों का केन्द्र भैरव मंदिर .......

Ganga ke Kareeb: श्रद्वालुओ की सिद्वियों का केन्द्र भैरव मंदिर .......: शिव की अनेक अशांत मुर्तिया उस वर्ग की है ,जो उनसे संबद्व किसी पौराणिक कथा का चित्रण नही करती अथवा उसमें कथा तत्व अस्पष्ट होता है । इसी तथ...

Sunita Sharma  Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...

life's stories