जिन्दगी के उतार चढाव में झांकने की एक कोशिश का नाम है जीवन धारा। बह रहे है इस धार में या मंझधार में कौन जाने?
Monday, December 13, 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)
Sunita Sharma Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...

life's stories
-
Sunita Sharma Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...
-
तुम्हारे लिए **************** 'गुडिया की मम्मी, जल्दी आओ... सारी की सारी चली गयी एक तुम्ही हो जो हमेशा देर करती हो '...जाने दो ...
-
डायन ******* जब से पडोस में आयी .....एक एक कर सबकों निगले जा रही है डायन .....!!!! उसकी चमकती आँखों में एक अजीब से प्यास दिखती थी बाल ...
-
खुशी *******(लघुकथा) "तुम मेरे लिए खाना भी नही बना सकती मै रात दिन तुम्हारे लिए खटता हूं.".. आफिस से घर लौट कर आया राकेश...
-
छोटा काम ******** " मै किसी जरूरी काम से जा रहा हूं तुम यहाँ अकेले रहोगी कहो तो तुम्हे घर छोड दूं वापसी में साथ लेता आऊगा", ...