जिन्दगी से कितना दूर भागोगे
यह हर नया रूप धरती है
तुम हो जाते हो अंचभित
कभी कभी डरते हो
कभी डटते हो
कभी जिद करते हो
चाहोगे जिस दिन जीना
मौत तुम्हे डरायेगी,रूलायेगी
जिसे दिन चाहोगे तुम
कहना इसे अब अलविदा
जिन्दगी तुम्हे ललचायेगी
जीने पर कर देगी विवश
न चाहते हुए भी.................।
तोड देगी तुम्हारे हर
उस भ्रम को जो देता
रहा तुम्हे जिन्दगी
कब तक झूठ के सहारे
जीने का बहाना करते रहे तुम!
वो फरेब के सहारे
रचता रहा हर रोज
कहानियां सिर्फ ,जिन्दगी
जब आईना दिखायेगी
कैसे खुद से नजरे
मिलायेगी जिन्दगी.....................!
यह हर नया रूप धरती है
तुम हो जाते हो अंचभित
कभी कभी डरते हो
कभी डटते हो
कभी जिद करते हो
चाहोगे जिस दिन जीना
मौत तुम्हे डरायेगी,रूलायेगी
जिसे दिन चाहोगे तुम
कहना इसे अब अलविदा
जिन्दगी तुम्हे ललचायेगी
जीने पर कर देगी विवश
न चाहते हुए भी.................।
तोड देगी तुम्हारे हर
उस भ्रम को जो देता
रहा तुम्हे जिन्दगी
कब तक झूठ के सहारे
जीने का बहाना करते रहे तुम!
वो फरेब के सहारे
रचता रहा हर रोज
कहानियां सिर्फ ,जिन्दगी
जब आईना दिखायेगी
कैसे खुद से नजरे
मिलायेगी जिन्दगी.....................!