Saturday, November 18, 2017

थप्पड


थप्पड
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'ऐ बाबु तनिक मदद करी दो , '
"काहे तोहार मर्द नही है का जो हमऊ ई काम करेब |"
"मर्दवा गया है अपनी छमिया के घरे "
हमऊ को यहां छोडे रही कहे हरे दीपावली पर आकर तोहे शहर ले जात रही पर उ कौ कौने ठिकाना नही झूठे बोलत रही
'जब ही देखो तबही हमें कहे रहे ई बार तोहे न छोडे इहां गांव में |'
झूठा है बेशर्म ...
तो तू काहे इन्तजार करे है तू भी कौन दूसर मर्द  काहे नाही  कर लेब ...ऐसन आदमी का का ठिकाना काहे अपनी जवानी बरर्बाद करत उ खातिर जौ तोहार रत्ती भर भी फ्रिक नाही करत है ...
चटाक...लल्लन के गाल पर रमिया ने जोरदार थप्पड जड दिया |
लल्लन गाल पर हाथ लगाये रमिया का तमतमाता सूर्ख गुलाबी चेहरा लाल होते देखता रहा |

'खबरदार जो दोबार ई बात  आपन मुंह से निकाली .'..

रमिया ने जैसे तैसे अपनी फलों की टोकरी खुद ही सर पर रखी और चल पडी अपनी ..डगर ई सोच के ....
अब कबही भी अपनी काम में कौनो पराये मर्द की मदद नाही मांगेगी चाहे उसे कितने भी दुख उठाने पडे |

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सुनीता शर्मा खत्री
Pic frm goggle


Sunita Sharma  Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...

life's stories