Monday, May 24, 2021



Sunita Sharma  Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, हर दिन नयी कहानी का जन्म होता है.  इन्सान एक दुसरे से बंधा है जन्म से लेकर मृत्यु तक वह संसारिक माया मोह के बन्धनों में जकडा हुआ है. इस किताब में ऐसी ही कहानियाों का संग्रह है जो कहीं न कहीं  आम इन्सान के सुख दुःख का हिस्सा हैं.

कहीं भगवान की भक्ति में है मेरी कहानी के पात्र तो कही गुमराह हुए तो कही प्रेम में डूबे हुए......! इन्सानी रिश्तें कितने दुरूह होते है. वर्तमान समय में रिश्तों समाजिक ताने बाने में काफी परिवर्तन आये है. सूचना आदान प्रदान के आधुनिक संसाधनों ने इन्सानी रिश्तों  के संचालन को बहुत प्रभावित किया है ....कुछ ऐसी ही कहानियां है इस संकलन में.

"रिश्तों के भंवर में फंसे लोग दुख,खुशी सवेदनाओं से ओत-प्रोत डूबते जाते है इसमें ...चीखतें चिल्लाते है ....पूछते है फिर ईश्वर से ' आखिर क्यों?? अपने दुख: उबर नही पाते , तडपते है , सिसकते है और उनसे सवाल पूछते है आखिर क्यों तुमने ऐसा किया ... जो तुम यह सब पा रहे हो ?.... नही मिलते जबाव, सिर्फ रह जाती है जिन्दगी बस एक यह सवाल  पूछती हुई आखिर क्यों?"

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Sunita Sharma  Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...

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