जिन्दगी के उतार चढाव में झांकने की एक कोशिश का नाम है जीवन धारा। बह रहे है इस धार में या मंझधार में कौन जाने?
Thursday, July 29, 2010
जीवन के सफर में
आज जिन्दगी बहुत से सवाल करती है वो राहे जो पीछे छूट गयी है, वह राहे जो आज भी अन्जान है मेरे गुजरने से ।कितने पड़ाव तय करते हम फिर जिन्दगी लगता है ठहर जाती है कभी भागती है कभी रूक जाती है कभी सवाल करती है कितनी ही बार किसी न किसी के जीवन यह प्रश्न भी खडा तो हुआ होगा आखिर वह दूनिया में आया क्यो है उसका वजूद क्या है तब जिन्दगी जरूर बेदर्दी से उस हंसती होगी कि यह कैसा सवाल है क्योकि यह एक सफर है जो हमें काटना है कभी अपनो क साथ कभी अकेले । कभी आसुओं के साथ तो कभी खुशियों के साथ सभी की उम्र बहुत अधिक नही होती जहां खुशी है वहां गम अपने पांव पैसार लेता है जहां गम होता है वहां खुशी भी दबे पांव तुम्हारा इन्तजार करती है । कभी हमसफर राह में साथ देता है तो कभी तुम्हे अकेला छोड देता है पर जिन्दगी कभी नही रूकती यह चलती रहती है बिना किसी के परवाह किये ।कुछ लोग होते है जो समझ ही नही पाते उन लम्हो को बार चाहते जो उन्हे अच्छे लगे उसकी चाह में वह अपना सबकुछ खो बैठते पर गुजरा समय गुजर जाता है वह फिर लौट कर नही आता समझदार वह होते है जो सबकुछ भुला कर नयी खुशियों को जिन्दगी में पनाह देते है फिर जिन्दगी उनके लिए गुनगुनाती है यही जीवन है.............।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Sunita Sharma Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...
life's stories
-
: "ऋषिकेश के प्राचीन पौराणिक मंदिर ऐतिहासिक युग का प्रतिनिधित्व करते है इसी में रघुनाथ मंदिर भी है गंगा के करीब पर आपने पूर्व..."...
-
जीवन जीने के लिए क्यों बहाने खोजता है इन्सान ? बिना किसी मकसद के जीवन क्या जीवन रह जाता है जब कोई मकसद नही रहता वह मायूसी में खो जाता है इन्...
-
"उफान में गंगागंगा के किनारे बस्तियां हई जलमग्न गंगा के प्रवाह में बह गयी शिव गंगा ,के करीब रहने वाले सकते में है आश्चर्य में है उ.....
-
जिन्दगी से कितना दूर भागोगे यह हर नया रूप धरती है तुम हो जाते हो अंचभित कभी कभी डरते हो कभी डटते हो कभी जिद करते हो चाहोगे जिस दिन ...
-
g anga ke Kareeb: श्रद्वालुओं की सिद्वियों का केन्द्र...........भैरव मंदिर ऋषिकेश for more plz visit blog Ganga ke Kareeb here is the ...
No comments:
Post a Comment