Saturday, May 12, 2012

मां.......................!






एक सुखद अहसास है मां का शब्द
गहरी पीडा में मुक्ति का बोध
थकान में आराम 
जन्नत है उसकी गोद
हर शब्द कम पड
जायेगा मै क्या लिखुं
मां का आंचल
उसका प्यार, उसकी नाजूक 
उंगलियों का स्पर्श 
बालों में फेरना,
उसके ऎसा करते ही गहरी
नींद, बस गहरी नीद बस सकुन................!

Sunita Sharma  Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...

life's stories