जो नही है साथ ,भारतीय सिनेमा का सदाबहार अभिनेता देवआन्नद जिन्होने बरसों तक आम जनमानस के दिलों पर राज किया । उनकी मृत्यु से सभी को धक्का सा लगा है बालीवुड उदास है पर आम लोगो में भी एक उदासी घिर आयी है । यह जीवन है जो आया है जायेगा भी बस पहचाना जायेगा तो अपने कर्मो से कोई किसी तरह अपनी क्षमता योग्यता से समाज में अपनी छवि तो बनाता ही है बस उसी के आधार पर जीवनधारा बहती है साथ ही इस जीवनधारा में शामिल होते है लोग हमारे सुख दुख में यही जीवन है। इसी तरह जीवन जीते है देव आन्नद अपनी फिल्मों में किये गये अभिनय के लिए अपनी बनायी फिल्मों के जरिये आज भी हमारें साथ यह कह कि वह नही है हमारे बीच तो उनका अनादर ही होगा क्योकि अपनी कर्मो के लिए जब हम किसी को याद करते है वह उसे अमरता की ओर ले जाते है वह तो कर्मयोगी ही थें अपनी अदाओ से अभिनय से और सबसे अलग अन्दाज से जनमानस के दिलों में गहरी जगह बनायी थी ।
एक उदासी सी है वातावरण में यह कब तक जायेगी नही पता ........................