"उफान में गंगागंगा के किनारे बस्तियां हई जलमग्न गंगा के प्रवाह में बह गयी शिव गंगा ,के करीब रहने वाले
सकते में है आश्चर्य में है उ..."
थम गयी जिन्दगी की रफ्तार,फिर चल पडी अपनी राह जिन्दगी ............................!
पूरी पोस्ट पढने के लिए क्लिक करे क्रोधित है
मां..........
http://sunitakhatri.blogspot.com
जिन्दगी के उतार चढाव में झांकने की एक कोशिश का नाम है जीवन धारा। बह रहे है इस धार में या मंझधार में कौन जाने?
Tuesday, September 21, 2010
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Sunita Sharma Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...

life's stories
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डायन ******* जब से पडोस में आयी .....एक एक कर सबकों निगले जा रही है डायन .....!!!! उसकी चमकती आँखों में एक अजीब से प्यास दिखती थी बाल ...
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तुम्हारे लिए **************** 'गुडिया की मम्मी, जल्दी आओ... सारी की सारी चली गयी एक तुम्ही हो जो हमेशा देर करती हो '...जाने दो ...
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जीवन चलता कभी न रुकता रूकता तो मंझधार है जीवन पानी सरिता का बहना जिसके ध्येय है , अन्तहीन सफर ,कभी अन्धेरे कभी गतिहीनता है, यह सफर बड...
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