जीवन जीने के लिए क्यों बहाने खोजता है इन्सान ? बिना किसी मकसद के जीवन क्या जीवन रह जाता है जब कोई मकसद नही रहता वह मायूसी में खो जाता है इन्सान इतना कमजोर क्यो है।हताशा एक दौर होती है जो समय रहते खत्म भी हो जाती है पर आज डिप्रेशन के मरीजो के तदाद भी बढती जा रही साथ ही मानसिक रोगो में भी बढोतरी होती ही जा रही तनाव आज के जीवन का एक ऎसा साथ है जो किसी न किसी रूप में सभी के साथ जुडा हुआ है ।सब से खुशकिस्मत कौन है वह जो रात जो बिना किसी तनाव के चैन की नींद सोता है ।बच्चो को पढाई का तनाव गृहणी को घर को लेकर हर छोटी बडी बात पर तनाव पति-पत्नी के बीच तनाव आफिस में कर्मचारियों में तनाव किस किस का ज्रिक करे यह लिस्ट इतनी लम्बी हो जायेगी की मेरे शब्द ही कम पढ जायेगे पर मै तो यही मानती हो यदि व्यक्ति अपनी स्थिति से सन्तुष्ट रहे तो तनाव उसकी जिन्दगी पर अधिक देर तक हावी नही हो सकता सभी जानते भी है तनाव से कितनी बिमारियां पनपती है तो दोस्तो तनाव से दूर रहो । अपने आप को व्यस्त रखे उन लोगो से दूरी रखे जिनसे आपको अकारण ही तनाव
मिलता है । जीवन में अध्यात्म को जगह दे।
अभी हाल ही में सुना अकेलेपन से घबरा कर एक बुजुर्ग ने अपना जीवन ही ही समाप्त कर लिया .....हम अकेले कब होते है क्या ईश्वर हमारे साथ नही जो हर पल हमे देखता सुनता है कभी अकेलेपन में यह अहसास करे देखे हमारे साथ हवा है आकाश फूल है पत्ते है । कुछ नही तो वह सुक्ष्म जीव तो है ही न जो दिखायी नही देते । मेरे यहां यह सब कहने से मकसद यह ही है कभी जीवन को खुद न नष्ट करो यह भगवान की अनुपम भेट है जब उसे हमारी जरूरत होगी वह खुद ही हमे बुला लेगा फिर यह पाप क्यों करे ।जैसा भी जीवन हमारा होता है वह कुछ हमारे कर्मो की सौगात भी होता है इसलिए दोस्तो जैसा भी काटे जीवन उसमें किसी को कष्ट देने की भावना न हो तब देखइये हमारी सारी तकलीफे पल भर में खत्म हो जायगी.......।
मिलता है । जीवन में अध्यात्म को जगह दे।
अभी हाल ही में सुना अकेलेपन से घबरा कर एक बुजुर्ग ने अपना जीवन ही ही समाप्त कर लिया .....हम अकेले कब होते है क्या ईश्वर हमारे साथ नही जो हर पल हमे देखता सुनता है कभी अकेलेपन में यह अहसास करे देखे हमारे साथ हवा है आकाश फूल है पत्ते है । कुछ नही तो वह सुक्ष्म जीव तो है ही न जो दिखायी नही देते । मेरे यहां यह सब कहने से मकसद यह ही है कभी जीवन को खुद न नष्ट करो यह भगवान की अनुपम भेट है जब उसे हमारी जरूरत होगी वह खुद ही हमे बुला लेगा फिर यह पाप क्यों करे ।जैसा भी जीवन हमारा होता है वह कुछ हमारे कर्मो की सौगात भी होता है इसलिए दोस्तो जैसा भी काटे जीवन उसमें किसी को कष्ट देने की भावना न हो तब देखइये हमारी सारी तकलीफे पल भर में खत्म हो जायगी.......।
हम अकेले कब होते है क्या ईश्वर हमारे साथ नही जो हर पल हमे देखता सुनता है कभी अकेलेपन में यह अहसास करे देखे हमारे साथ हवा है आकाश फूल है पत्ते है ।
ReplyDeleteआदरणीय सुनीता जी
सादर प्रणाम
सच में यही तो हमारी समझ है .....अगर दुनिया में किसी ने साथ नहीं दिया तो क्या हुआ ..खुदा तो है ना ..पर इस बात को कौन समझता है इसके लिए तन मन से पवित्र होने की जरुरत है ..और यह कहने की आवश्यकता है ....तेरा तुझको अर्पण ....तो फिर जिन्दगी में खुशहाली ही खुशहाली ...शुक्रिया आपका इस सार्थक पोस्ट के लिए
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
ReplyDeleteवर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .
lekh acchha hai ham kabhi akele nahi hote kewal man ka bhaw hai .
ReplyDeleteजीवन - दर्शन को नज़दीक से समझाने की
ReplyDeleteशानदार कोशिश में कामयाब आलेख
लिखने के लिए अभिवादन स्वीकार करें .
जीवन में अध्यात्म को जगह दे।
ReplyDeleteआपके एक ही वाक्य में तनाव मुक्ति का सार छिपा है. खूबसूरत आलेख के लिए बधाई .
इस सार्थक पोस्ट के लिए आपका शुक्रिया|
ReplyDeleteजीवन में इस दृष्टिकोण को शमिल करना भी ज़रूरी है..... सुंदर सकारात्मक विचार....
ReplyDeleteउपयोगी आलेख!
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