जिन्दगी के उतार चढाव में झांकने की एक कोशिश का नाम है जीवन धारा। बह रहे है इस धार में या मंझधार में कौन जाने?
Sunday, June 13, 2010
यह जीवन है ..................।
यह जीवन है, इस जीवन का यही है रंग रूप
थोडे गम है थोडी खुशिया यही है यही है रंग रूप....... सचमुच गाने की यह पक्तियां जीवन के इस ढेडे मेढी राहो पर कितनी जानदार लगती है । दोस्तो हम सभी के जीवन कभी गम है तो कभी खुशी जो गमों से हार न माने हंस कर अपनी जिन्दगी जी, वही जिन्दगी का सच्चा रहनुमा है यकीन जानिए यह जिन्दगी भी उसी की गुलाम है जो हंसता हर हाल में हंसता चाहे उसके जीवन में कितनी भी दुख तकलीफे हो जो हंसता परस्थितयों से लडता है हर खुशी एक दिन उसकी पास होती है ।आज के युवा वर्ग को देखती हू तो लगता यह जीवन से डरता है तभीतो आये दिन छोटी-छोटी बातों पर यह अपनी जान देने लेने में उतारू रहता है हमें जिन्दगी बहुत मुशिकल से मिलती है यह पूछो उससे जो अपनी मौत से जुझ रहा होता है। आत्महत्या की दर तेजी से बढोतरी हई है पर उसके बाद कितनी ही जिन्दगी दफन होती है यह पुछो उस परिवार से जहां कभी किसी ने खुदकुशी की हो । आज रिश्ते नातो का मोल खत्म होता नजर आता है पर रिश्तों बिना जिन्दगी बोझ है यह पूछो उससे जिसका इस पूरी दुनिया में कोई न हो । चाहे जो भी मै सिर्फ यही कहना चाहती हूं जिन्दगी को खेल न समझो दोस्तो कोई अपना तुम्हारी राह तो तकता ही होगा उसे याद कर जीने का हौसला बरकरार रखना होगा जिस ईश्वर ने यह जीवन दिया उसकी देन मान अपनी राह पर आगे बढना ही होगा बिना थके....................।
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आपने एकदम सही कहा सुनीताजी, हर हाल में हसते हसते जिंदगी गुजारनी चाहिए. मै भी यही कहता हू सभी से लेकिन सुनाता कौन है!
ReplyDeleteरवि जी आपका आभार आपने अपना वक्त दे कांमेट किया अपने आस पास उन लोगो को देखे जो जीवन से निराश है उन्हे जीने के प्रेरणा दे सक यही सच्ची प्रभु भक्ति है कभी कभी इन्सान की जिन्दगी एेसे मोड पर खडी होती जहां कोई नही होता हमारी बात सुनने वाला कारण अपने आप से फुर्सत न होना व अकेलापन काश हम एेसे लोगो को समझ नाये जो जीवन को बचा सकते है।
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