Saturday, March 19, 2011

मनाये होली कि याद करे हर, बार.......।






जीवन में भरे खुशियों के रंग
खेले होली सब संग,
रिश्तों में बनाये 
गुझिंया की मिठास
 करे बस नयी शुरूवात


भुलाये दुशमनी का भाव
रखे एक बात याद 
प्रेम है तो जीवन है
नही तो यह एक स्रंगाम
              
 जीवन में याद करे वो रंग


जो कभी खेले थे सगं -संग
यही तो मौका है 
बस इसे यूं ही न गवायें
है टीस कही चुभती 
कर दो रंगो से सरोबार
                  
 मनाये होली कि याद करे हर, बार.........। 






3 comments:

  1. होली में चेहरा हुआ, नीला, पीला-लाल।
    श्यामल-गोरे गाल भी, हो गये लालम-लाल।१।

    महके-चहके अंग हैं, उलझे-उलझे बाल।
    होली के त्यौहार पर, बहकी-बहकी चाल।२।

    हुलियारे करतें फिरें, चारों ओर धमाल।
    होली के इस दिवस पर, हो न कोई बबाल।३।

    कीचड़-कालिख छोड़कर, खेलो रंग-गुलाल।
    टेसू से महका हुआ, रंग बसन्ती डाल।४।

    --

    रंगों के पर्व होली की सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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  2. आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा. हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए आपका आभार. आपका ब्लॉग दिनोदिन उन्नति की ओर अग्रसर हो, आपकी लेखन विधा प्रशंसनीय है. आप हमारे ब्लॉग पर भी अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "अनुसरण कर्ता" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
    माफियाओं के चंगुल में ब्लागिंग

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