जिन्दगी के उतार चढाव में झांकने की एक कोशिश का नाम है जीवन धारा। बह रहे है इस धार में या मंझधार में कौन जाने?
Saturday, May 12, 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Sunita Sharma Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...

life's stories
-
Sunita Sharma Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...
-
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों ***********************shortstory दो विरोधी गुटो के नेता आपस में बहस कर रहे थे नये सत्ताारूढ दल के नेता ...
-
Ganga ke Kareeb: चले कांवरिये शिव के धाम------- : श्रावण मास की शुरूवात के साथ कावंड यात्रा का भी प्रारम्भ हो चुका है तीर्थ नगरी में कावंडिय...
-
तुम्हारे लिए **************** 'गुडिया की मम्मी, जल्दी आओ... सारी की सारी चली गयी एक तुम्ही हो जो हमेशा देर करती हो '...जाने दो ...
सुंदर एहसास ...
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण सुखद अहसास...
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी मासूम सी रचना ! बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteमाँ ने जिन पर कर दिया, जीवन को आहूत
ReplyDeleteकितनी माँ के भाग में , आये श्रवण सपूत
आये श्रवण सपूत , भरे क्यों वृद्धाश्रम हैं
एक दिवस माँ को अर्पित क्या यही धरम है
माँ से ज्यादा क्या दे डाला है दुनियाँ ने
इसी दिवस के लिये तुझे क्या पाला माँ ने ?
नींद, बस गहरी नीद बस सकुन................!
ReplyDeleteसुंदर एहसास. बेहतरीन प्रस्तुति.
बहुत दिनों बाद लिखा है .
ReplyDeleteसुन्दर अहसास के साथ .
आप सभी का आभार अपना समय दिया व इतनी अच्छी टिप्पणियां की ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अहसास...
ReplyDelete