जिन्दगी के उतार चढाव में झांकने की एक कोशिश का नाम है जीवन धारा। बह रहे है इस धार में या मंझधार में कौन जाने?
Saturday, May 12, 2012
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Sunita Sharma Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, ...
life's stories
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मूँगफली की खुशबू ,गुड की मिठास,मक्के की बहार ख़ुशियाँ मिले हजार,मुबारक हो सभी को लहोडी का त्यौहार।
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"कहते है तीर्थो के पवित्र वातावरण में ऋषि-मुनियों के सत्संग से मनुष्य निष्पाप हो जाता है। अर्थवेद के अनुसार बडे-बडे यज्ञो का अनुष्ठा....
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"उफान में गंगागंगा के किनारे बस्तियां हई जलमग्न गंगा के प्रवाह में बह गयी शिव गंगा ,के करीब रहने वाले सकते में है आश्चर्य में है उ.....
सुंदर एहसास ...
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण सुखद अहसास...
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी मासूम सी रचना ! बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteमाँ ने जिन पर कर दिया, जीवन को आहूत
ReplyDeleteकितनी माँ के भाग में , आये श्रवण सपूत
आये श्रवण सपूत , भरे क्यों वृद्धाश्रम हैं
एक दिवस माँ को अर्पित क्या यही धरम है
माँ से ज्यादा क्या दे डाला है दुनियाँ ने
इसी दिवस के लिये तुझे क्या पाला माँ ने ?
नींद, बस गहरी नीद बस सकुन................!
ReplyDeleteसुंदर एहसास. बेहतरीन प्रस्तुति.
बहुत दिनों बाद लिखा है .
ReplyDeleteसुन्दर अहसास के साथ .
आप सभी का आभार अपना समय दिया व इतनी अच्छी टिप्पणियां की ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अहसास...
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